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भीषण गर्मी के बीच मुंबईकरों को बड़ी राहत: AC लोकल ट्रेन के किराए में 50% की कमी

मुंबई: महाराष्ट्र में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच मुंबईकरों को एक बड़ी राहत देते हुए ‘एसी लोकल ट्रेन’ की टिकटों की दरों में 50 फीसदी की कमी का ऐलान शुक्रवार को किया गया है।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई एसी लोकल ट्रेन की टिकट दरों में कटौती करने के लिए केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे का आभार जताया है।
केंद्र सरकार के इस फैसले पर फडणवीस ने कहा कि मुंबईकरों की ओर से यह लगातार मांग की जा रही थी कि AC लोकल तो शुरू की गई है, लेकिन इसके टिकट काफी महंगे हैं। इस वजह से इसमें लोग सफर नहीं करते हैं। आज टिकटों की दर 50 फीसदी कम करने का एक बढ़िया निर्णय लिया गया है। मुझे विश्वास है कि धीरे-धीरे एसी लोकल ट्रेनों में पैसेंजरों की तादाद और बढ़ेगी, मुंबईकरों को भी बेहतर सफर की सुविधा जो मिली है, उसका वे भरपूर लाभ उठा पाएंगे।

5 किलोमीटर के लिए देने होंगे सिर्फ 30 रुपए
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे ने बताया कि टिकट की दरों में कटौती को भारतीय रेलवे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। पांच किलोमीटर तक के सफर का किराया जो पहले 65 रुपए लगता था वो अब सिर्फ 30 रुपए लगेगा। टिकट की दर पहले की तरह ही किलोमीटर के हिसाब से तय होगी।

2017 से खाली चल रही थीं ट्रेनें
बता दें कि मुंबई में 2017 के दिसंबर में एसी लोकल ट्रेनों की शुरुआत हुई थी। भारत की यह पहली एसी लोकल ट्रेन वेस्टर्न रेलवे में बोरीवली से चर्चगेट रुट पर चलाई गई थी। बाद में ये अन्य रुटों पर भी चलाई गई। लेकिन किराया ज्यादा होने की वजह से मुंबईकर इनमें काफी कम तादाद में सफर कर रहे थे। अक्सर देखा जाता था कि पूरी ट्रेन खाली जा रही है।

क्या है AC लोकल की खासियत
यह देश की पहली 12 डिब्बों वाली एसी लोकल ट्रेन है।
इसके सभी 12 कोच एक दूसरे से इंटरकनेक्टेड (अंदर से जुड़े हुए) हैं।
ट्रेन के डिब्बे स्टील से बने हुए हैं, जो ग्रे और इंडिगो रंग के हैं।
ट्रेन में लगी दो सीटों के बीच की जगह ज्यादा बढ़ाई गई है, ताकि भीड़ ज्यादा होने पर यात्री सीटों के बीच में आराम से खड़े रह सकें।
साल 2014 से चेन्नई के इंटेग्रल कोच फैक्ट्री में इनके निर्माण का काम शुरू हुआ था।
कोच में खड़े होकर चलने वाले यात्रियों को सहारे के लिए ऊपर लगे हैंडल भी इस तरह बनाए गए हैं कि एक हैंडल दो यात्री पकड़ सकें।
दरवाजे के बीच में लगे स्टील के खंभे को भी नया आकार दिया गया है ताकि एक साथ ज्यादा यात्री पकड़ सकें।
इनके निर्माण में आईसीएफ को भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) और कुछ अन्य इंजीनियरिंग संस्थान ने सहयोग किया है।
ट्रेन में लगे सभी डिब्बे इंटरकनेक्टेड हैं।