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महाराष्ट्र: 18 से 44 उम्र के लोगों की वैक्सीनेशन ड्राइव पर लगी रोक, सीएम ठाकरे बोले- जून से पर्याप्त आपूर्ति शुरू होने के बाद टीकाकरण अभियान को मिलेगी गति, सप्लाई में कमी का हवाला

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने 18 से 44 साल के लोगों के वैक्सीनेशन ड्राइव पर रोक लगा दी है। सीएम उद्धव ठाकरे ने राज्य में वैक्सीन सप्लाई की कमी का हवाला देते हुए फिलहाल के लिए इस ऐज ग्रुप के लिए टीकाकरण को टाल दिया है। सीएम उद्धव ठाकरे ने रविवार को विश्वास जताया कि जून से पर्याप्त टीके मिलने के बाद टीकाकरण अभियान में तेजी आएगी। उसके बाद से हम प्रदेश में 24 घंटे की वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू कर सकते हैं।
पीडीएट्रिक्स (बाल चिकित्सा) कोविड-19 प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार टीका आपूर्ति के मुद्दे पर लगातार चर्चा कर रही है और 18-44 उम्र समूह के लोगों के लिए 12 करोड़ खुराकों को लेकर रकम का एकमुश्त भुगतान करने को तैयार है। राज्य की कुल आबादी में इस उम्र समूह के छह करोड़ लोग हैं।
मुख्यमंत्री ने रविवार को बच्चों के डॉक्टर के साथ बातचीत करते हुए बताया कि मुझे उम्मीद है कि जून महीने से वैक्सीन के प्रोडक्शन की क्षमता बढ़ जाएगी। उसके बाद से हम प्रदेश में 24 घंटे की वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू कर सकते हैं।
केंद्र सरकार के दावे के मुताबिक, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पास अभी एक करोड़ 90 लाख वैक्सीन की डोज उपलब्ध है। और साथ ही अभी तक 21 करोड़ 80 लाख डोज मुहैया कराई जा चुकी है।
हालांकि, केंद्र सरकार के इन दावों के बीच कर्नाटक और दिल्ली जैसे राज्यों ने भी वैक्सीन की सप्लाई का हवाला देते हुए 18 से 44 ऐज ग्रुप के लिए वैक्सीन की सप्लाई रोक दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा, मैं आश्वस्त हूं कि जून के बाद आपूर्ति सुगम हो जाने पर टीकाकरण अभियान को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्य में ऑक्सीजन की कमी हुई थी लेकिन अब चिकित्सकीय ऑक्सीजन के मामले में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने के बाद तीसरी लहर से प्रभावी तरीके से निपटा जा सकेगा।

सीएम ठाकरे ने कहा, वायरस को हराने में हमें कामयाबी नहीं मिली है, लेकिन हमने मामलों को नियंत्रित कर लिया है। सभी हितधारकों के एकजुट प्रयासों से हमारे राज्य को सफलता मिली है। हमें संभावित तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए सतर्क रहना होगा। पहली लहर में वरिष्ठ नागरिक प्रभावित हुए थे, दूसरी लहर में युवा इसकी चपेट में आए और अब बच्चों को इसका खतरा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन जैसी पाबंदी लगायी गयी और लोगों से कोविड-19 के लक्षण दिखने पर तुरंत उपचार कराने को कहा गया।