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महाराष्ट्र: राज्यमंत्री को ब्रीफिंग देने विधानभवन न आने वाले बीड नगर परिषद के चार अधिकारी निलंबित!

मुंबई: प्रदेश के नगर विकास राज्यमंत्री प्राजक्त तनपुरे को ब्रीफिंग देने के लिए विधानमंडल में नहीं आने वाले बीड़ नगर परिषद के चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। बीड़ नगर परिषद के जलापूर्ति अभियंता राहुल टाकले, निर्माणकार्य अभियंता योगेश हांडे, कर अधीक्षक सुधीर जाधव और कनिष्ठ रचना सहायक सलीम सैयद याकूब को निलंबित किया गया है। जबकि, बीड़ नगर परिषद के मुख्याधिकारी उत्कर्ष गुट्टे की विभागीय जांच की जाएगी। विधान परिषद में राज्यमंत्री तनपुरे ने यह घोषणा की।
सोमवार को सदन में भाजपा समर्थित सदस्य विनायक मेटे ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए बीड़ नगर परिषद की विभिन्न परियोजनाओं में घोटाला होने का मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में तनपुरे ने कहा कि बीड़ नगर परिषद से संबंधित ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के मुद्दे पर मुझे जानकारी देने के लिए रविवार को मुख्याधिकारी समेत चारों अधिकारी आए थे। मुख्याधिकारी के किसी परिजन का निधन हो गया था। इसलिए वे मुझसे अनुमति लेकर वापस चले गए। लेकिन मैंने बाकी के चार अधिकारियों को सोमवार को विधानमंडल में ब्रीफिंग देने के लिए मौजूद रहने को कहा था। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे निर्देश के बावजूद कोई अधिकारी विधानमंडल में मौजूद नहीं है। किसी अधिकारी का फोन भी नहीं लग रहा है। इन अधिकारियों ने गैरहाजिर रहने के लिए अनुमति मांगना भी जरूरी नहीं समझा है। इसलिए इन अधिकारियों को विधानमंडल को गंभीरता से नहीं लेने को लेकर निलंबित करने का फैसला लिया गया है।

उपमुख्यमंत्री से मिलने नहीं आए थे मुख्याधिकारी
इस बीच राकांपा सदस्य सतीश चव्हाण ने कहा कि जब उपमुख्यमंत्री अजित पवार बीड़ के दौरे पर गए थे उस समय उन्होंने बीड़ नगरपरिषद के मुख्याधिकारी को मिलने के लिए तीन बार संदेश भेजा था। लेकिन मुख्याधिकारी उपमुख्यमंत्री से मिलने के लिए नहीं आए, वे अपने कार्यालय में बैठे रहे। मुख्याधिकारी को निलंबित करना चाहिए।
वहीं सदन में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि उपमुख्यमंत्री के बुलाने के बावजूद मुख्याधिकारी नहीं गए। इसलिए उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। जिसके बाद सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर ने कहा कि बीड़ नगर परिषद के कामकाज में भ्रष्टाचार का आरोप है। इसलिए बाकी अधिकारियों की तरह मुख्याधिकारी को निलंबित करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके जवाब में तनपुरे ने कहा कि सभापति के आदेश के मुताबिक, मुख्याधिकारी की पहले विभागीय जांच की जाएगी, उसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।