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महाराष्ट्र सरकार ने सीएनजी पर टैक्स घटाकर बस, टैक्सी और आटो चालकों को दी राहत

मुंबई: शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विधानसभा और वित्त राज्यमंत्री शंभुराजे देसाई ने विधानपरिषद के सदन में महाराष्ट्र का बजट पेश किया। सरकार ने शुक्रवार को 24 हजार करोड़ रुपये के घाटे का बजट पेश करते हुए भी सीएनजी पर टैक्स घटाकर बस, टैक्सी और आटो चालकों को राहत देने की कोशिश की है। इस राहत से सरकारी तिजोरी पर 800 से 1000 करोड़ रुपयों का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। माना जा रहा है कि उद्धव सरकार ने कुछ ही महीनों बाद होने वाले मुंबई महानगरपालिका चुनाव को देखते हुए यह राहत देने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने आम लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए दीवाली से ठीक पहले पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमशः पांच रुपये और दस रुपये की कटौती की थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने भी पेट्रोल पर वैट सात रुपये और डीजल पर दो रुपये कम करने का फैसला किया था। उस समय उत्तर प्रदेश में पेट्रोल पर वैट 17.74 रुपये प्रति लीटर व डीजल पर वैट 10.41 रुपये प्रति लीटर था। राज्य सरकार द्वारा वैट कम किए जाने के बाद पेट्रोल पर वैट 10.74 रुपये व डीजल पर वैट 8.41 रुपये प्रति लीटर हो गया था। तब माना गया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनावों को देखते हुए आम जनता को यह बड़ी राहत दी है।

हालांकि, तब महाराष्ट्र सरकार की ओर से राहत का ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया था, लेकिन अब उसने अपने बजट में बस, टैक्सी व आटो चालकों के लिए सीएनजी पर टैक्स 13.5 फीसद प्रति लीटर से घटाकर तीन फीसद कर दिया है। माना जा रहा है कि यह राहत सरकार ने भविष्य में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए की है। क्योंकि मुंबई सहित कई महानगरपालिकाओं के चुनाव कुछ ही महीनों बाद होने हैं। इन सभी महानगरों में बड़ी संख्या में सीएनजी से टैक्सी, आटो और बसें चलती हैं। इनके चालकों को राहत देकर एक ओर सरकार एक बड़ा वोटबैंक खड़ा करना चाहती है, तो दूसरी ओर सीएनजी के उपयोग को बढ़ावा देकर पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी सिद्ध करना चाहती है।

महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार ने आज प्रस्तुत बजट में राज्य के बहुमुखी विकास के लिए पंचसूत्रीय एजेंडा पेश किया है। कृषि, स्वास्थ्य, मानव संसाधन, यातायात व उद्योग जैसे पांच क्षेत्रों पर इस वर्ष 1,15,215 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय किया है। इन पांच क्षेत्रों पर अगले तीन वर्षों में करीब चार लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना राज्य सरकार ने बनाई है। सरकार का मानना है कि इससे अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में बड़ा निवेश होगा, और महाराष्ट्र एक खरब की अर्थव्यवस्था वाला देश का पहला राज्य बनकर सामने आएगा। वित्तमंत्री अजीत पवार के अनुसार पंचसूत्री कार्यक्रम में इस वर्ष निर्धारित 1,15,215 करोड़ रुपयों में से 23,888 करोड़ रुपये कृषि व उससे जुड़े क्षेत्रों , 5,244 करोड़ रुपये स्वास्थ्य क्षेत्र, 46,667 करोड़ रुपये मानव विकास व मानव संसाधन, 28,605 करोड़ रुपये यातायात व्यवस्था तथा 10,111 करोड़ रुपये उद्योग व ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए निर्धारित किए गए हैं।

महाराष्ट्र के वित्तमंत्री और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शुक्रवार को विधानसभा में बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र एक ट्रिलियन अमेरिकी डालर की अर्थव्यवस्था वाला पहला राज्य होगा। प्रदेश के कई जिलों में महिलाओं के लिए अस्पताल खोले जाएंगे। स्टार्ट-अप के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। वहीं, दिवंगत भारत रत्न लता मंगेशकर के नाम पर कलिना विश्वविद्यालय में स्थापित होने वाले संगीत विश्वविद्यालय के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। दूसरी ओर, राज्य सरकार ने राज्य में सभी ट्रांसजेंडरों को पहचान पत्र और राशन कार्ड जारी करने का निर्णय लिया है। इधर, इस वर्ष से छत्रपति संभाजी महाराज वीरता पुरस्कार दिए जाएंगे।

सभी क्षेत्रों का विकास करने वाला बजट: सीएम
सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना के संकट को मात के बाद राज्य के सामने कई चुनौतियों के बीच बजट पेश किया गया। इस बजट से स्पष्ट है कि राज्य के विकास का दौर जारी है। बजट की तारीफ करते हुए सीएम ने कहा कि यह बजट विकास के पांच सूत्र वाले बजट है जिसके लिए तीन साल में 4 लाख करोड़ रुपये का विशाल कोष उपलब्ध कराया गया है। यह बजट कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए एक बड़ी राहत है। प्रदेश की सिंचाई क्षमता बढ़ाने, 60,000 कृषि पंपों को बिजली उपलब्ध कराने, राज्य में सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने को प्राथमिकता दी गई है।
ठाकरे ने कहा कि 21 निर्यात योग्य कृषि जिंसों का क्लस्टर बनाकर कृषि जिंसों के दाम बेहतर होंगे। कोरोना काल जैसे महामारी से निपटने के लिए इस बजट में विशेष ध्यान दिया गया है।जिसके तहत स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता का विस्तार योजना के तहत 16 जिलों में 100 बेड के महिला अस्पताल बनाए जाएंगे। यह चिकित्सा शिक्षा के गुणात्मक और गुणात्मक विकास पर भी ध्यान केंद्रित करता है। हम पुणे शहर के पास देश में पहली मेडिकल कॉलोनी बना रहे हैं। राज्य के एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट में युवाओ को रोजगार कृषि, स्वास्थ्य, जनशक्ति विकास, परिवहन और उद्योग के विकास को बूस्टर डोज दिया है।