ठाणेब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरव्यवसायशहर और राज्य

मुंबई: आकर्षक ब्याज का झांसा देकर चूना लगाने के मामले में 5 सदस्यों को जेल

ठाणे: ठाणे में आकर्षक ब्याज का झांसा देकर लोगों को चूना लगाने के मामले में ठाणे की विशेष न्यायालय ने एक ही परिवार के पांच सदस्यों को 5 वर्षों के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 4 करोड़ 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। एक आरोपी दिव्येश नारायण दास ठक्कर अब भी फरार है। न्यायालय ने सबूतों के अभाव में देवेंद्र लक्ष्मीदास ठक्कर को बरी किया है।
1991 में ठाणे निवासी ठक्कर परिवार ने लोगों को दवा कंपनी खोलने और दवाओं को दक्षिण अफ्रीका में निर्यात करने और उससे होने वाले मुनाफे से प्रतिमाह 18 से 24 फीसदी ब्याज देने का झांसा दिया था। ठक्कर परिवार के झांसे में आकर खारकर आली परिसर में रहने वाले तमाम लोगों ने अपनी मेहनत की जमा पूंजी ठक्कर की कंपनी में निवेश की थी। सभी को कंपनी की तरफ से उनके निवेश की राशि के मुताबिक शेयर सर्टिफिकेट दिया गया था। कुछ सालों तक लोगों को ब्याज बराबर मिला, लेकिन 2001 से लोगों को उनकी मच्योरिटी की राशि मिलनी बंद हो गई थी। कंपनी लोगों की मूल राशि और ब्याज को देने से टालमटोल करने लगी थी। ठगी का शिकार हुए लोगों ने ठाणे पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के पास मामला दर्ज किया था। इस मामले में ठाणे की विशेष एमपीआईडी न्यायालय ने आरोपियों की संपत्ति को जब्त कर उसकी नीलामी कर निवेशकों की 75 फीसदी राशि उन्हें लौटाने का आदेश दिया था, जिससे लोगों को राहत मिली थी।
न्यायाधीश पीपी जाधव ने ठक्कर परिवार के सदस्यों नारायण दास उर्फ नारू भाई ठक्कर, निलिनी नारायण दास ठक्कर, यज्ञेश नारायण दास ठक्कर, मनीष लक्ष्मीदास ठक्कर, वीरेंद्र लक्ष्मीदास ठक्कर को दोषी ठहराया और सभी को 5-5 वर्षों के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।