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मॉल में बने हॉस्पिटल में आग का मामला: राकेश वाधवा समेत 7 लोगों पर FIR, हॉस्पिटल के पास नहीं था फायर NOC, BMC ने सिर्फ 31 मार्च तक चलाने की दी थी मंजूरी

मुंबई: भांडुप इलाके में स्थित ड्रीम्स मॉल और ‘सनराइज हॉस्पिटल’ में शुक्रवार को लगी आग के मामले में शनिवार को बड़ी कार्रवाई हुई है। 11 लोगों की मौत के मामले में BMC की शिकायत पर भांडुप पुलिस स्टेशन में गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है।
आग लगने की उस घटना के बाद जारी जांच में सामने आया है कि ड्रीम्स मॉल के पास फायर NOC नहीं थी। कुछ महीने पहले मुंबई सेंट्रल स्थित ‘सिटी सेंटर मॉल’ में आग लगने के बाद फायर ब्रिगेड ने मुंबई के सभी मॉल्स में फायर ऑडिट की थी। तब कई मॉल्स में फायर सिस्टम नहीं पाया गया था। उनमें ड्रीम्स मॉल भी था। फायर ब्रिगड के एक अधिकारी ने बताया कि मॉल में करीब एक हजार दुकान हैं। उनमें रखे सामान की वजह से आग तेजी से फैली।
31 मार्च तक थी हॉस्पिटल को मंजूरी
कोरोना अस्पताल शुरू करने के लिए पिछले साल अस्पताल को शर्तों के साथ प्रोविजनल NOC दी गई थी। BMC प्रशासन ने पिछले दिनों अस्पताल के सुरक्षा उपायों की जांच की थी और अस्पताल की 28 फरवरी तक बंद करने का आदेश दिया था। बाद में इसे बढ़ाकर 31 मार्च तक कर दिया गया था।

इन लोगों पर दर्ज हुआ केस
इस मामले में IPC की धारा 304 और 34 के तहत ड्रीम्स माल मैनेजमेंट के राकेश वाधवा (HDIL चेयरमैन), निकिता त्रेहान (राकेश वाधवा की बेटी), सारंग वाधवा (राकेश वाधवा के भाई व HDIL ग्रुप के MD), दीपक शिर्के समेत अन्य को आरोपी बनाया गया है।

राकेश वाधवा हैं मॉल के चैयरमैन
इनके अलावा प्रिविलेज हेल्थकेयर व सनराइज ग्रुप मैनेजमेंट, अमित त्रेहान (राकेश वाधवा के दामाद), निकिता त्रेहान, राकेश वाधवा बेटी स्वीटी जैन समेत अन्य को भी आरोपी बनाया गया है। जानकारी के मुताबिक, HDIL द्वारा साल 2009 में बनाए इस मॉल के चेयरमैन राकेश वाधवा है। वहीं, उनकी बेटी निकिता त्रेहान सनराइज ग्रुप की MD है, जिनका ड्रीम्स मॉल में सनराइज हॉस्पिटल था।

मृतकों के परिजन को 5-5 लाख की मदद
गुरुवार रात को 11:49PM पर मॉल में आग लगी थी। फायर ब्रिगेड के मुताबिक, यह लेवल 4 की आग थी। मामले की जानकारी मिलने के बाद फायर ब्रिगेड की पहली टीम आधी रात 12:14 AM पर पहुंची फायर ब्रिगेड पहुंची। इसके बाद दमकल की दो दर्जन गाड़ियां आग पर काबू करने का प्रयास करती रहीं और शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बीच आग पर काबू पाया जा सका। इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी मौके पर पहुंचे और राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया। इस दौरान CM ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए देने का ऐलान भी किया। इस दौरान उन्होंने कड़ी कार्रवाई की बात भी कही थी।

76 मरीजों को शिफ्ट किया गया
अस्पताल में आग लगने के बाद यहां इलाज चल रहे 76 मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया। इस अस्पताल में कई कोरोना संक्रमित मरीज भी भर्ती थे जिनका इलाज चल रहा था। 73 पेशेंट्स में 30 को मुलुंड के जंबो सेंटर में शिफ्ट किया गया है। वहीं, तीन लोगों को फोर्टिस अस्पताल में एडमिट कराया गया है। बाकी अन्य का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

आग से नहीं हुई किसी मरीज की मौत: हॉस्पिटल
इस मामले में अस्पताल प्रशासन की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि मृतकों में से दो कोविड के मरीज थे और उनकी मौत कोविड की वजह से हुई थी, आग लगने से नहीं। हॉस्पिटल की ओर से कहा गया है कि ड्रीम्स मॉल के पहले फ्लोर पर आग लगी थी। जिसका धुआं सनराइज अस्पताल तक भी पहुंचा था। जिसके बाद तुरंत ही अस्पताल में अलार्म सिस्टम बजने लगा और सभी भर्ती मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।