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वाराणसी को पीएम मोदी ने दिया 1800 करोड़ की सौगात! 43 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास

भावनाओं से नहीं चलती दुनिया…’परिणाम’ के साथ ‘प्रमाण’ भी चाहिए: पीएम मोदी

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को 1700 करोड़ से ज्यादा की सौगात दी है। सिगरा स्टेडियम से उन्होंने 43 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इससे पहले उन्होंने ‘अक्षय पात्र रसोई’ का उद्घाटन और नई शिक्षा नीति पर आयोजित सम्मेलन का शुभारंभ किया। ‘अक्षय पात्र रसोई’ के माध्यम से लगभग एक लाख बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन तैयार किया जाएगा।

वाराणसी में शिक्षा नीति पर हो रहे समागम में पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा का मूल आधार शिक्षा को संकुचित दायरे से बाहर निकालना और 21वीं सदी के विचारों से जोड़ना है। हमारे देश में मेधा की कोई कमी नहीं रही है। दुर्भाग्य से ऐसी व्यवस्था बनाई गई थी, जिसमें पढ़ाई का मतलब केवल नौकरी ही माना गया था। गुलामी के समय अंग्रेजों ने ऐसी शिक्षा का विकास केवल अपने लिए एक सेवक बनाने के लिए किया था। आजादी के बाद थोड़ा बदलाव हुआ लेकिन ज्यादा रह गया। अंग्रेजों का बनाई व्यवस्था भारत की शिक्षा व्यवस्था नहीं थी। बनारस तो इसका जीवंत उदाहरण है। यहां ज्ञान और शिक्षा मल्टी आयामी थी। यही बहुआयामी व्यवस्था ही हमारी शिक्षा का केंद्र होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा समागम को संबोधित करते हुए कहा कि आज की दुनिया परिणाम के साथ ही ‘प्रमाण’ भी मांगती है। हमें अपनी शिक्षा व्यवस्था को इस लिहाज से तैयार करना होगा कि दुनिया हमारी चीजों को स्वीकार करे और उसका लोहा माने। खासतौर पर आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने यह बातें कही। उन्होंने कहा कि यदि हम आयुर्वेद की बात करें तो हम भले ही उसमें आगे हैं और उससे परिणाम भी मिलते हैं, लेकिन प्रमाण नहीं मिलते हैं। हमारे पास डेटा बेस होना चाहिए। हम भावनाओं के आधार पर दुनिया नहीं बदल सकते। यही वजह है कि परिणाम के साथ ही प्रमाण की भी जरूरत है।
पीएम मोदी ने कहा कि इसलिए यूनिवर्सिटीज को इस पर काम करना चाहिए कि परिणाम हैं तो फिर प्रमाण भी तलाशे जाएं। समृद्ध देश भी इस बात को लेकर परेशान हैं कि उनकी आबादी में बड़ा हिस्सा बुजुर्गों का है। आज हमारा देश युवा है और कभी ऐसा ही दौर यहां भी आ सकता है। क्या दुनिया में अभी से कोई है, जो इस पर काम कर रहा है। इस पर हमें सोचना चाहिए। यही भविष्य की सोच है और यह फ्यूचर रेडी विचार ही अच्छी शिक्षा की नींव हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि हम इस पैटर्न पर काम करें तो फिर मुझे यकीन है कि आने वाले दौर में देश वैश्विक शिक्षा केंद्र के तौर पर उभऱ सकता है। इसके लिए हमें अपने एजुकेशन सिस्टम को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के मुताबिक तैयार करना होगा।

हमें फ्यूचर रेडी रहना होगा, तभी काम आएगी पढ़ाई: पीएम
अपने संसदीय वाराणसी क्षेत्र पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि भारत में जिन चीजों की कल्पना भी नहीं की जाती थी, वह काम हमने किए हैं। आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। देश की रफ्तार जब ऐसी हो तो फिर हमें युवाओं को भी खुली उड़ान के लिए ऊर्जा से भरना होगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में बच्चों को उनकी प्रतिभा और स्किल के आधार पर तैयार करने पर जोर है। देश में तेजी से आ रहे परिवर्तन के बीच शिक्षा व्यवस्था और उससे जुड़े लोगों की भूमिका अहम है। यूनिवर्सिटी के छात्रों को सोचना होगा कि क्या हम फ्यूचर रेडी हैं। विश्वविद्यालयों में यह जानना जरूरी है कि दुनिया में क्या हो रहा है।

एलटी कॉलेज परिसर में महिषासुर मर्दिनी गीत की प्रस्तुति हुई। वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति संग शिव तांडव भी किया गया। इस दौरान बड़ागांव की मेधावी छात्रा अर्चना सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित कविता का पाठ किया।
वहीं पिंडरा के शिवम ने याेग, काशी विद्यापीठ ब्लॉक की तमन्ना पांडेय ने प्रधानमंत्री मोदी के बारे बताया। अराजीलाइन की साक्षी यादव ने हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में कविता सुनाया। आयुषी पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इंग्लिश में स्पीच कही। कार्यक्रम के अंत में हरहुआ के पूर्व माध्यमिक विद्यालय, चक्का द्वारा शिव महिमा पर सामूहिक नृत्य किया। बच्चों की कुल 21 प्रस्तुतियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मन मोह लिया।

बच्चे अध्यापक का सर नहीं खाते बल्कि ‘सर’ जवाब नहीं दे पाते: पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा, आपको वर्तमान को संभालना है, लेकिन भविष्य के लिहाज से भी सोचना होगा। उन्होंने कहा कि कई बार बच्चे सवाल पूछते हैं तो अध्यपाक कहते हैं कि क्या सर खा रहा है, असल में वह सर नहीं खाता है बल्कि ‘सर’ जवाब नहीं दे पा रहा है। आज बच्चे गूगल के साथ बहुत जानकारी रखने लगे हैं। भविष्य में जब बच्चे यूनिवर्सिटी में जाएंगे तो हमें उनके सवालों के जवाबों के लिए तैयार रहना होगा। इसलिए जरूरी है कि हम भविष्य को जानें और खुद को विकसित करें। कुछ दिन पहले गांधीनगर में एग्जिबिशन देखने गया था, वहां बच्चों ने जो प्रोजेक्ट तैयार किए थे, उनसे मैं प्रभावित हुआ।

कार्यकम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मंत्री रविंद्र जायसवाल सहित कई अन्य गणमान्य मौजूद थे।

इससे पहले वाराणसी के लालबहादुर शास्त्री अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पीएम मोदी दिल्ली से वायुसेना के विशेष विमान से अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी दौरे पर गुरुवार दोपहर 01:24 बजे एयरपोर्ट पर पहुंचे थे। प्रधानमंत्री का राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वागत व अभिनंदन किया।