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UP: जौनपुर में अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास देने पर ग्राम पंचायत अधिकारी निलंबित

जौनपुर: प्रधानमंत्री आवास पात्रों को दिए जाने की योजना में तमाम पारदर्शिता के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी ही इसमे सेंध लगा रहे हैं। यही वजह है कि पात्रों के सिर भले ही छांव न हो, लेकिन अपात्र इसका पूरा फायदा उठा रहे हैं। ऐसा ही कुछ सराय विक्रम गांव में देखने को मिला।
यहां रामनगर विकास खंड के ग्राम पंचायत अधिकारी पंकज कुमार गौतम को सराय विक्रम गांव में 5 अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) देने पर निलंबित कर दिया गया है। गांव के ही धीरज सिंह ने जुलाई में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा को शिकायती पत्र सौंपते हुए ग्राम पंचायत अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की थी।
जांच का जिम्मा जिला विकास अधिकारी बीबी सिंह को सौंपा गया था। लंबी जांच प्रक्रिया के बाद स्पष्ट हुआ कि पहले से मकान वालों को भी पीएम आवास योजना के अंतर्गत मकान दे दिया गया। रिपोर्ट के आधार पर जिला पंचायत राज अधिकारी संतोष कुमार ने ग्राम पंचायत अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
ग्राम पंचायत अधिकारी की ओर से शकुंतला देवी पत्नी शीतला, जरीना पत्नी फारूक, रविया पत्नी मन्नन, सुमन सिंह पत्नी सुरेन्द्र सिंह व शकीला बानो पत्नी फारूक को आवास दे दिया गया, जबकि सभी के पास पहले से ही पक्के मकान हैं व सुमन सिंह प्रधान के ही परिवार से हैं।
जांच अधिकारी ने शिकायतकर्ता धीरज सिंह, प्रधान अजय कुमार सिंह व ग्राम पंचायत अधिकारी को मौके पर ले जाकर स्थलीय निरीक्षण किया, जिसके बाद पुरी कलई खुल गई। इसके बाद ग्राम पंचायत अधिकारी को सितंबर को इसके लिए स्पष्टीकरण भी जारी किया, लेकिन इसका कोई जवाब नहीं दिया। सभी साक्ष्यों को जिलाधिकारी को सौंपने के बाद निलंबन की कार्रवाई की गई।

प्रधानमंत्री आवास को लेकर मिलने वाली शिकायतों की गंभीरता से जांच कराई जा रही है। केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना पर धांधली करने वालों पर कड़ी कार्रवाई जा रही है। पात्रों के सत्यापन के कार्य में ब्लाक कर्मचारियों की अहम जिम्मेदारी है। ऐसे में जरूरी है कि वह अपना कार्य पूरी ईमानदारी से करें।
– जयकेश त्रिपाठी, पीडी