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अंबानी केस में नया ट्विस्ट- स्कॉर्पियो मिलने से पहले सचिन वाझे और मनसुख के बीच हुई थी 10 मिनट की मुलाकात, जानें- कब और कहां…

मुंबई: मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से लदी कार मामले में एनआईए के बाद अब महाराष्ट्र एटीएस को भी सचिन वाझे पर संदेह है। यही वजह है कि मनसुख हिरेन मौत मामले की जांच कर रही एटीएस आज निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की कस्टडी की मांग करेगी। ठाणे के सेशन कोर्ट में सचिन वाझे की अग्रिम जमानत याचिका पर आज सुनवाई है, जिसका एटीएस विरोध करेगी और फिर वाझे की कस्टडी की मांग भी करेगी। बता दें कि गिरफ्तारी की तलवार लटकने के बाद सचिन वाझे ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
इस बीच एनआईए ने पुष्टि की कि 25 फरवरी की रात जब मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटकों से लदी कार मिली थी, तो उस दौरान सीसीटीवी फुटेज में जो शख्स दिखा था, वह सचिन वाझे ही थे। एनआईए ने कहा था कि सीसीटीवी फुटेज में सचिन वाझे को अपने सिर को बड़े रूमाल से ढंकते हुए देखा जा सकता है, ताकि कोई उन्हें पहचान न सके। सचिन वाझे ने चेहरे को ढकने के लिए और पहचान जाहिर न हो पाए, इसके लिए एक ओवर साइज़्ड कुर्ता-पायजामा पहना था। एजेंसी ने कहा कि वह पीपीई किट नहीं था। ऐसा इसलिए किया ताकि उनके चाल-चलन और हाव-भाव से कोई पहचान न सके।
बता दें कि निलंबित और इस मामले में 13 मार्च को गिरफ्तार किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाझे शहर पुलिस की अपराध शाखा के सीआईयू से संबंद्ध थे। शाखा का दफ्तर दक्षिण मुंबई में पुलिस आयुक्त कार्यालय के परिसर में स्थित है। व्यावसायी मनसुख हिरन की पत्नी का आरोप है कि एसयूवी का कुछ समय तक वाजे ने इस्तेमाल किया था। हिरन ने दावा किया था कि स्कॉर्पियो उनके पास से चोरी हुई थी। हिरन की 5 मार्च को रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई है।
गौरतलब है कि सचिन वाझे को बीते रविवार को 25 मार्च तक एनआईए की कस्टडी में भेजा गया है। शनिवार को उन्होंने ठाणे के जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई में अंतरिम राहत देने से कोर्ट ने इनकार कर दिया था और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था और मामले को आज की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया था।

स्कॉर्पियो मिलने से पहले सचिन वाझे और मनसुख के बीच हुई थी 10 मिनट की मुलाकात
सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद यह बात सामने आई है कि मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाझे और मृतक मनसुख हिरेन के बीच 17 फरवरी को 10 मिनट तक की मुलाकात हुई थी। एनआईए के अधिकारियों ने यह दावा किया है कि 17 फरवरी को सचिन वाझे और मनसुख के बीच दस मिनट तक बातचीत हुई थी। सचिन वाझे और मनसुख के बीच जीपीओ के पास मर्सिडीज के भीतर 10 मिनट तक बातचीत हुई थी। साउथ मुंबई के इस इलाके में हिरेन एक ओला कैब से आए थे, जिन्होंने दावा किया था कि मुलुंड-एरोली रोड पर उनकी स्‍कॉर्पियो खराब हो गई थी। बता दें कि बीते दिनों मनसुख की मौत हो गई थी। बता दें कि गुरुवार को सचिन वाझे की ओर से कथित तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली एक और लग्जरी कार जब्त की गई है।
सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि सचिन वाझे मुंबई पुलिस मुख्यालय स्थित अपने ऑफिस से अपनी मर्सिडीज में निकले। बाद में उनकी कार को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के मेन ट्रैफिक सिग्‍नल पर भी देखा गया। सिग्‍नल ग्रीन होने के बाद भी गाड़ी वहां से नहीं निकली और उन्होंने अपनी कार की पार्किंग लाइट ऑन कर रखी थी। इसके तुरंत बाद मनसुख हिरेन सड़क पार करते देखे गए और जाकर उसी मर्सिडीज में बैठ गए, जिसे सचिन वाझे चला रहे थे। मर्सिडीज को फिर से जीपीओ के पास ओपोजिट साइड में पार्क करते देखा गया। दस मिनट तक गाड़ी वहां पार्क थी और इसके बाद उस गाड़ी से हिरेन उतरकर चले गए। इसके बाद उसी गाड़ी को फिर पुलिस मुख्यालय में एंटर करते देखा गया।
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस तक हिरेन जिस ओला कैब से आए थे, उसके ड्राइवर ने एटीएस अधिकारियों को बताया कि ट्रिप के दौरान हिरेन ने पांच कॉल रिसीव कीं। सूत्रों ने कहा कि सचिन वाझे, हिरेन से पुलिस हेडक्वार्टर के अपोजिट तरफ रूपम शोरूम के बाहर मिलने वाले थे, मगर अंतिम कॉल के दौरान उन्होंने जगह में बदलाव किया और सीएसएमटी को चुना। शुक्रवार को सचिन वाझे की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान मनसुख हिरेन की मौत की जांच कर रही स्टेट एंटी टेररिज्म स्क्वाड उनकी कस्टडी की मांग करेगी।
बता दें कि एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से लदी कार मिलने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की ओर से कथित तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली एक और लग्जरी कार जब्त की। टोयोटा लैंड क्रूजर प्राडो ब्रांड की यह कार ठाणे के साकेत क्षेत्र स्थित वाझे के आवास के बाहर खड़ी मिली। एनआईए ने इससे पहले मंगलवार को मुंबई के क्रॉफोर्ड इलाके से एक काली मर्सिडीज बरामद की थी। कार के अंदर से विस्फोटकों से लदी उस एसयूवी की वास्तविक नंबर प्लेट भी मिली थी, जिसे 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर के पास खड़ा किया गया था। 27 वर्षीय कार डीलर ने फरवरी को मर्सडीज को एक वेबसाइट के जरिये बेचने की जानकारी दी थी। हालांकि, उसने वाझे से परिचित होने से इनकार किया था।