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कठिन चुनौतियों का सामना करने के लिए मोदी, बाइडेन ने भारत-अमेरिका संबंधों में शुरू किया नया अध्याय

न्यूयॉर्क: राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, हम अमेरिका-भारत संबंधों के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरूआत कर रहे हैं और कुछ सबसे कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। मुलाकात के बाद मोदी ने ट्वीट किया- जो बाइडेन के साथ एक उत्कृष्ट बैठक हुई। महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर उनका नेतृत्व सराहनीय है। हमने चर्चा की कि कैसे भारत और यूएसए विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाएंगे और कोविड-19 और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए मिलकर काम करेंगे।
अपनी बैठक की औपचारिक शुरूआत से पहले बोलते हुए, मोदी ने बाइडेन से कहा, मुझे लगता है कि आपके नेतृत्व में, भारत-अमेरिका संबंधों के विस्तार के लिए बीज बोए गए हैं और दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों के लिए, यह एक परिवर्तनकारी अवधि होने जा रहा है। मैं इसे बहुत स्पष्ट रूप से देख सकता हूं।
पीएम मोदी ने कहा, लोकतांत्रिक मूल्य, परंपराएं जिनके लिए दोनों देश प्रतिबद्ध हैं, मुझे लगता है कि इन परंपराओं का महत्व और बढ़ेगा।
बाइडेन ने कहा, हमारी साझेदारी सिर्फ हम जो करते हैं, उससे कहीं अधिक है। यह लोकतांत्रिक मूल्यों, विविधता के लिए हमारी संयुक्त प्रतिबद्धता को बनाए रखने की हमारी साझा जिम्मेदारी में निहित है।
बाइडेन ने कहा, भारत-अमेरिका संबंध पारिवारिक संबंधों के बारे में हैं, जिसमें 40 लाख भारतीय-अमेरिकी शामिल हैं, जो संयुक्त राज्य को हर दिन मजबूत बनाते हैं।
मोदी ने कहा, आपने उल्लेख किया, 40 लाख से अधिक भारतीय अमेरिकी हैं जो अमेरिका की प्रगति की यात्रा में भाग ले रहे हैं। जब मैं इस दशक के महत्व को देखता हूं और इस प्रतिभा द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका को देखता हूं। मुझे लगता है कि लोगों से लोगों की प्रतिभा एक बड़ी भूमिका निभाएगी और भारतीय प्रतिभा इस रिश्ते में एक पूर्ण भागीदार होगी और इसमें आपका योगदान बहुत महत्वपूर्ण होगा।
दोनों नेताओं ने अगले सप्ताह होने वाली गांधी जयंती का जिक्र किया। बाइडेन ने कहा, जैसा कि दुनिया अगले हफ्ते महात्मा गांधी का जन्मदिन मनाती है, हम सभी को याद दिलाया जाता है कि अहिंसा, सम्मान, सहिष्णुता का उनका संदेश आज शायद पहले से कहीं ज्यादा मायने रखता है।
मोदी ने पर्यावरण की ओर मुड़ते हुए कहा, महात्मा गांधी हमेशा ट्रस्टीशिप, ग्रह के ट्रस्टीशिप के सिद्धांत के बारे में बात करते थे।
इसका अर्थ यह है कि हमारे पास जो ग्रह है, उसे हमें आने वाली पीढ़ियों को देना होगा और ट्रस्टीशिप की यह भावना विश्व स्तर पर, बल्कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के संबंधों के बीच भी अधिक से अधिक महत्व ग्रहण करने जा रही है और इन आदर्श को महात्मा गांधी ने प्रतिपादित किया था। वैश्विक नागरिकों की जिम्मेदारी केवल बढ़ने वाली है।
बाइडेन ने क्वाड शिखर सम्मेलन का उल्लेख किया जहां वे जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा और ऑस्ट्रेलिया के स्कॉट मॉरिसन से मिलेंगे, और कहा, प्रधानमंत्री और मैं आज बात करने जा रहे हैं कि हम कोविड-19 से लड़ने के लिए और क्या कर सकते हैं। दुनिया के सामने आने वाली जलवायु चुनौतियों का सामना करें और हिंद-प्रशांत में स्थिरता सुनिश्चित करें, जिसमें हमारे अपने क्वाड पार्टनर भी शामिल हैं।
मोदी ने भारत के साथ संबंध बनाना जारी रखने के प्रयासों के लिए बाइडेन को तहे दिल से धन्यवाद दिया और याद किया कि 2014 में बाइडेन के उपराष्ट्रपति रहते हुए उनकी बैठक हुई थी और दोनों देशों के बीच संबंधों पर चर्चा हुई थी।
उन्होंने कहा, आपने भारत-अमेरिका संबंधों के लिए बहुत विस्तार से एक ²ष्टिकोण रखा था। वास्तव में, वह एक ऐसा देशकों दृष्टिकोढ़ था जो प्रेरणादायक था और आज, राष्ट्रपति के रूप में, आप सभी प्रयास कर रहे हैं और इसे लागू करने के लिए पहल कर रहे हैं।
मोदी ने कहा, मैं देख रहा हूं कि यह 21वीं सदी का तीसरा दशक है, यह तीसरे दशक का पहला वर्ष है। जब मैं पूरे दशक को देखता हूं, तो मुझे पता चलता है कि आपके नेतृत्व में देश के लिए बीज बोए गए हैं। भारत-अमेरिका संबंधों का विस्तार होगा।

…जब मीटिंग में मोदी ने किया बाइडेन के रिश्तेदारों का जिक्र और गूंज उठे ठहाके
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच यूं तो काफी गंभीर मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन कुछ देर के लिए माहौल हंसी-ठहाकों से गूंज उठा। मीटिंग की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने कुछ ऐसा कहा कि बाइडेन अपनी हंसी नहीं रोक सके. दरअसल, औपचारिक अभिवादन के बाद जब दोनों नेता बात करने बैठे, तो पीएम मोदी ने भारत में बाइडेन सरनेम की बात शुरू कर दी।

मैं कागजात भी साथ लाया हूं: मोदी
पीएम मोदी ने यूएस प्रेसिडेंट कहा, आपने भारत में बाइडेन सरनेम का जिक्र किया था। मैंने इससे जुड़े काफी कागजात ढूंढने की कोशिश की है। मैं इनमें से काफी कागजात अपने साथ भी लाया हूं। शायद आप इस मामले को आगे बढ़ा सकते हैं। यह बात सुनते ही अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन जोर से हंसना शुरू कर दिए। इस दौरान, उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस के भारत कनेक्शन पर भी चर्चा हुई।

बाइडेन ने बताया था कनेक्शन
बाइडेन 2013 मे बतौर अमेरिकी उपराष्ट्रपति मुंबई आए थे। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि उनके दूर के कुछ रिश्तेदार मुंबई में रहते हैं। वहीं साल 2015 में वॉशिंगटन में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि 1972 में सीनेटर बनने के बाद उन्हें भारत में अपने एक रिश्तेदार का पत्र मिला था। इसमें पता चला कि उनके परिवार के एक पूर्वज ईस्ट इंडिया कंपनी में काम करते थे। उन्होंने कहा था कि मुंबई में बाइडेन परिवार के पांच सदस्य रहते हैं। किसी ने उन्हें मुंबई में रहने वाली बाइडेन फैमिली के फोन नंबर भी दिए थे।

बाइडेन को चिट्ठी नागपुर के लेस्ली बाइडन ने लिखी थी। उनके पड़पोते नागपुर में रहते हैं। पत्र में दावा किया गया था कि उनका परिवार 1873 से ही यहां रह रहा है। लेस्ली की पड़पोती सोनिया बाइडेन फ्रांसिस नागपुर में मनोचिकित्सक हैं। सोनिया ने कहा कि लेस्ली बाइडेन नागपुर में रहते थे और उनका 1983 में निधन हो गया था। ‘इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया’ के अप्रैल 1981 के अंक को पढ़कर लेस्ली को तत्कालीन सीनेटर जो बाइडेन के बारे पता चला था। 15 अप्रैल 1981 को लेस्ली ने बाइडेन को एक पत्र लिखा था।

मीटिंग के दौरान यूएस प्रेसिडेंट बाइडेन ने उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस के भारत कनेक्शन पर भी चर्चा की। उन्होंने कमला हैरिस की मां का जिक्र करते हुए कहा कि वह भारत से थीं और जानी-मानी वैज्ञानिक थीं। बाइडेन ने आगे कहा कि आज के समय में लोगों को शांत और सहनशील बनने की जरूरत है। भारत के साथ संबंधों पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी साझेदारी पहले से ज्यादा मजबूत हो रही है।