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गाजियाबाद के धर्मांतरण मामले का आरोपी शाहनवाज अलीबाग के लॉज से गिरफ्तार

ठाणे: यूपी के गाजियाबाद में 400 लोगों के धर्मांतरण मामले में फरार चल रहे आरोपी शाहनवाज को आज अलीबाग के एक लॉज से गिरफ्तार कर लिया गया है। ठाणे और गाजियाबाद पुलिस ने मिलकर अलीबाग के लॉज से आरोपी शाहनवाज को गिरफ्तार किया।
बता दें कि अलीबाग के एक लॉज में अपने भाई के साथ आरोपी शाहनवाज रुका हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी के दौरान उसे गिरफ्तार कर मुंब्रा पुलिस स्टेशन ले आई है। अब आगे की कानूनी कार्रवाई के बाद ही पता चल पाएगा कि 400 लोगों का धर्मांतरण का जो आरोप था उसका सच क्या है?
गाज़ियाबाद पुलिस ने आरोपी शाहनवाज खान उर्फ बद्दो को ऑनलाइन गेमिंग एप्लीकेशन के जरिए बच्चों के धर्म परिवर्तन में शामिल रैकेट चलाने के आरोप में महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले से गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बताया कि उसे अलीबाग शहर से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ठाणे जिले के मुंब्रा का रहने वाला है। गाजियाबाद पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी।

गौरतलब है कि पिछले दिनों गाजियाबाद में एक ऑनलाइन गेमिंग एप्लीकेशन के जरिए धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया था। इसमें शाहनवाज खान और गाजियाबाद की एक मस्जिद के मौलवी के खिलाफ अवैध धर्मांतरण निषेध अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने कहा था कि गाजियाबाद के एक व्यक्ति ने पिछले महीने शिकायत दर्ज कराई थी कि मौलवी अब्दुल रहमान और बद्दो ने हाल ही में 12वीं पास करने वाले उसके बेटे का धर्मांतरण कराया था।

बद्दो के कहने पर कबूला इस्लाम!
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसका बेटा एक ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए बद्दो के संपर्क में आया और उससे अक्सर बात करता था। इसके बाद उनका रुझान इस्लाम अपनाने की ओर हुआ। लड़के ने अपने पिता से कहा था कि बद्दो के समझाने पर उसने इस्लाम कबूल कर लिया है।

इस मामले में मुंब्रा पुलिस और गाजियाबाद पुलिस ने मिलकर शाहनवाज को महाराष्ट्र के अलीबाग से गिरफ्तार किया है। शाहनवाज पर लड़के का जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। अलीबाग और मुंब्रा पुलिस पिछले कई दिनों से संयुक्त अभियान के तहत शाहनवाज की सरगर्मी से तलाश कर रही थी लेकिन वह बार-बार ठिकाना बदल रहा था। इस दौरान उसके परिजनों से पूछताछ की गई।
उसकी कॉल डिटेल से पता चला कि आरोपी मुंबई के वर्ली में छिपा हुआ है। इसके बाद जब पुलिस वर्ली पहुंची तो शाहनवाज वहां से भागकर रायगढ़ के अलीबाग चला गया और एक लॉज में छिप गया। फिर पुलिस वहां पहुंची और रातभर चेकिंग की, इसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया।पुलिस को पूछताछ में उसने बताया कि दोनों की एक-दूसरे से साल 2021 में फोर्टनाइट गेमिंग ऐप के जरिए जान पहचान हुई थी। इसके बाद वे एक-दूसरे से बात करने के लिए डिस्कॉर्ड का इस्तेमाल करने लगे। फिर फोन पर भी बात करने लगे।

चैट में इस्लाम में शामिल होने के फायदे बताता था शाहनवाज
इसके बाद दोनों ने फोर्टनाइट पर गेम खेलना बंद कर दिया। लेकिन दिसंबर 2021 में वेलोरेंट गेम के जरिए दोनों ने फिर से गेम खेलना शुरू किया। डिस्कॉर्ड एप पर शाहनवाज की अच्छी रैंकिंग से आकर्षित होकर लड़के उससे चैटिंग किया करते थे। इस बीच शाहनवाज लड़कों को बरगलाया करता था और चैट में ही इस्लाम में शामिल होने के फायदे बता देता था।

बता दें कि बच्चों को समझा-बुझाकर धर्म परिवर्तन का यह पूरा खेल दो चरणों में अंजाम दिया गया था। पहला कदम है बच्चों के साथ ऑनलाइन गेम खेलना और दूसरे चरण में बच्चों के साथ एक ऐप के जरिए चैट करना और उन्हें इस्लाम के फायदे बताना। पहले चरण में हैंडलर हिंदू नामों से आईडी बनाते थे। तब हिंदू बच्चों को ‘फोर्टनाइट’ गेम खेलने के लिए उकसाते थे। असली खेल तो तब शुरू हुआ जब बच्चा हार गया। खेल हारने के बाद, बच्चे को बताया गया कि यदि वह कुरान की एक आयत पढ़ेगा तो वह जीत जाएगा। इसके बाद जब बच्चे ने श्लोक पढ़कर खेल खेला तो उसे एक षड़यंत्र के तहत जिता दिया गया। इस तरह बच्चे का रुझान मुस्लिम धर्म की तरफ बढ़ गया होगा। इसके बाद दूसरा चरण शुरू हुआ ‘डिस्कॉर्ड’ एप के जरिए बच्चे से चैटिंग की जाती थी। बच्चे का भरोसा जीतने के बाद उसे इस्लाम के बारे में जानकारी दी गई।

धीरे-धीरे बच्चे को जाकिर नाइक और तारिक जमील के वीडियो दिखाए गए। उन्हें इस्लाम कबूल करने के लिए बहकाया गया। जब बच्चे का इस्लाम के प्रति झुकाव बढ़ा और वह मुसलमान बनने को तैयार हो गया तो आखिर में उससे एक हलफनामा बनवाया गया। इस हलफनामे में बच्चे से लिखवाया जाता है कि वह अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल कर रहा है। अब आगे पुलिस की कानूनी कार्यवाई के बाद ही पता चल पाएगा कि 400 लोगों का धर्मांतरण सच में हुआ है या नही?