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जल्द ही ‘नाना शंकर सेठ टर्मिनस’ नाम से जाना जाएगा मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन, केंद्र ने दिखाया सकारात्मक रुख

मुंबई: महाविकास अघाड़ी सरकार जल्द ही मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘नाना शंकर सेठ टर्मिनस’ करने जा रही है। मार्च 2020 में विधानसभा ने सर्वसम्मति से स्टेशन का नाम बदलने के प्रस्ताव को पास कर दिया था, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से यह उस समय संभव नहीं हो सका था।
बुधवार को सांसद अरविंद सावंत ने कहा है कि पश्चिम रेलवे ने स्टेशन का नाम बदलने को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है। अरविंद सावंत ने छह साल पहले राज्य और केंद्र को पत्र लिखकर नाम बदलने की मांग की थी। अरविंद सावंत ने कहा कि इस मांग को राज्य मंत्रिमंडल ने मार्च में मंजूरी दी थी और अब इसे केंद्र की मंजूरी का इंतजार है।
सांसद अरविंद सावंत के पत्र पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने जवाब दिया है कि यह प्रक्रिया विचाराधीन है और जल्द ही इस संबंध में पत्र के माध्यम से सूचित किया जाएगा। सावंत का मानना है कि उनकी कोशिश जल्द रंग लाने वाली है।

कौन थे नाना शंकर सेठ?
जगन्नाथ शंकरसेठ एक उद्योगपति और शिक्षाविद् थे। वह भारत की पहली रेलवे कंपनी के पहले निदेशकों में से एक थे। उन्हें आधुनिक मुंबई के निर्माता के रूप में भी जाना जाता है। उनका मूल नाम जगन्नाथ शंकर शेठ मुर्कुट था। लोग आदरपूर्वक उसे नाना कहते थे। उनका जन्म 1803 में और मृत्यु 1865 में मुंबई में हुई थी। वह इंडियन रेलवे एसोसिएशन के सदस्य थे। इस संगठन के कारण, अंग्रेजों ने मुंबई में रेलवे की शुरुआत की।

कई लोकल स्टेशनों के नाम बदलना चाहती है शिवसेना
शिवसेना लंबे समय से मुंबई समेत अन्य लोकल रेलवे स्टेशन के नामों का बदलने की मांग कर रही थी। उसका तर्क है कि ये नाम ब्रिटिश काल के हैं और इनको स्थानीय नाम देने की जरूरत है। इसको लेकर साल 2017 में शिवसेना के प्रतिनिधिमंडल ने तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात भी की थी। अब सत्ता में आने के बाद शिवसेना ने इसे अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है।