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नकवी बोले- ‘हेडलेस कांग्रेस’ अब ‘ब्रेनलेस’ हो गई है…

नयी दिल्ली, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में सरकार से सवाल किया कि जम्मू कश्मीर देश का आंतरिक विषय है या द्विपक्षीय मामला? साथ ही उन्होंने कहा कि 1948 से संयुक्त राष्ट्र राज्य संबंधी स्थिति की निगरानी कर रहा है।
इस पर नकवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हेडलेस कांग्रेस अब ब्रेनलेस हो गई है। आप कैसे कह सकते हैं कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा नहीं है और यह हमारा आतंरिक मामला नहीं है?’’
नकवी ने दावा किया, हार से परेशान कांग्रेस मानसिक रूप से दिवालिया हो गई है। सोनिया गांधी सदन में थीं, राहुल गांधी सदन में थे, लेकिन किसी ने चौधरी को नहीं रोका। नकवी ने कहा कि कांग्रेस के पास अतीत में हुई गलतियों को सुधारने का मौका था, लेकिन अब वह अपनी गलतियों का विस्तार कर रही है।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 का खात्मा होने से जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में समस्याओं के समाधान का रास्ता साफ होगा। गौरतलब है कि निचले सदन में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने जम्मू कश्मीर संबंधी संकल्प पेश किये जाने का विरोध करते हुए कहा, आप कहते हैं कि जम्मू कश्मीर देश का आंतरिक विषय है। 1948 से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) राज्य संबंधी स्थिति की निगरानी कर रहा है, यह बुनियादी प्रश्न है और सरकार को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए । आप बतायें कि यह आंतरिक मामला है या द्विपक्षीय?

दूसरी तरफ रिपोर्ट्स के मुताबिक अनुच्छेद ३७० हटाए जाने पर कांग्रेस की ओर से पक्ष रख रहे चौधरी ने संयुक्त राष्ट्र की चर्चा कर पार्टी को मुसीबत में डाल दिया। बहस के बीच कांग्रेस का पक्ष रखते हुए चौधरी ने गृहमंत्री से सवाल किया कि यह क्षेत्र संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में है। अधीर के इतना कहते ही गृहमंत्री ने उनसे पूछना शुरू कर दिया कि क्या कांग्रेस चाहती है कि अभी भी इस मामले को संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से ही सुलझाना चाहिए। उनके इतना कहते ही सोनिया गांधी असहज दिखीं और उन्होंने पीछे बैठे अपने सदस्यों की तरफ घूमकर कुछ कहा। पता चला है कि इस ब्यान पर पार्टी की किरकिरी से नाराज सोनिया गांधी ने अधीर रंजन को जमकर फटकार लगाई है। अधीर रंजन के कश्मीर पर बायन पर पहले तो सोनिया काफी असहज दिखी। लेकिन जब सदन में चौधरी के बयान पर बवाल बढ़ता देख तब सोनिया ने पीछे घूमकर अधीर पर कुछ हैरानी प्रकट की।
इससे पहले लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से अनुच्छेद ३७० पर संकल्प पेश किया जिसपर कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और द्रमुक के टीआर बालू ने कड़ा विरोध किया। बालू ने कहा कि यह अघोषित आपातकाल है।

चौधरी ने संकल्प पेश किये जाने का विरोध करते हुए इंदिरा गांधी के समय हुए शिमला समझौते, अटल बिहारी वाजपेयी के समय हुई लाहौर घोषणा को लेकर भी सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में तीन पूर्व मुख्यमंत्री नजरबंद हैं। उन्होंने सवाल किया कि अमरनाथ यात्रा को क्यों बंद किया गया है? साथ ही दावा किया कि जम्मू- कश्मीर को जेलखाना बना दिया गया है।