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मुंबई: बीयर बार में शराब पीने के बाद ATM डेबिट-क्रेडिट कार्ड से बिल का भुगतान करने वालों हो जाओ सावधान!

मुंबई: बीयर बार होटल में शराब पीने के बाद एटीएम डेबिट-क्रेडिट कार्ड से बिल का भुगतान करने वालों हो जाओ सावधान। ऐसे लोगों के लिए ये खबर एक सबक हो सकती है क्योंकि बीयर बारों में कुछ ऐसे भी अपराधी वेटर का काम करते हैं, जो असल में साइबर सेंधमारों के गिरोह से जुड़े होते हैं। इनका मुख्य मकसद होटल में आने वाले ग्राहकों खासकर ‘टल्ली’ यानी नशे में धुत लोगों को टारगेट बनाना होता है। ये गिरोह स्कीमर की मदद से टल्ली हो चुके ग्राहकों का एटीएम डेबिट-क्रेडिट कार्ड क्लोन कर लेता है और कार्ड से डुप्लीकेट कार्ड बनाकर पैसे निकालता था। इसका खुलासा मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की यूनिट- ९ ने किया है।

बैंक ने कराया था मामला दर्ज
बता दें कि एचडीएफसी बैंक के कुछ ग्राहकों के खाते से किसी ने पैसे निकाल लिए थे। ग्राहक हैरान थे क्योंकि उन्होंने न ही किसी को अपने एटीएम डेबिट-क्रेडिट कार्ड की जानकारी दी थी और न ही किसी से मोबाइल फोन पर आया कोई ओटीपी साझा किया था। कई ग्राहकों से ऐसी शिकायत मिलने पर एचडीएफसी बैंक (कार्पोरेट शाखा) के रिस्क इंटेलिजेंस व कंट्रोल विभाग के उपप्रबंधक ने मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की यूनिट- ९ में शिकायत दर्ज कराई थी।
डीसीपी अकबर पठान व वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक नंदकुमार गोपाले के मार्गदर्शन में यूनिट-९ की टीम ने मामले में छानबीन शुरू की तो पता चला कि सातारा के एक एटीएम से एक ग्राहक के खाते से पैसा निकाला गया था।
पुलिस टीम को पता चला कि कुछ ग्राहकों ने अंधेरी-पूर्व के महाकाली रोड स्थित एक होटल में अपने कार्ड का इस्तेमाल बिल भुगतान के लिए किया था। यूनिट-९ के पीआई आशा कोरके के नेतृत्व में एपीआई सुधीर जाधव, वाल्मिक कोरे आदि की टीम ने अंधेरी-पूर्व स्थित उस होटल में छापा मारा लेकिन ग्राहकों को ठगनेवाले उन कर्मचारियों को होटल मालिक ने पहले ही नौकरी से निकाल दिया था। होटल मालिक ने बताया कि इसके बावजूद वो कर्मचारी कभी-कभी होटल के दूसरे कर्मचारियों से मिलने आते हैं। उक्त जानकारी के अनुसार यूनिट-९ की टीम ने संदिग्ध कर्मचारियों से जानकारी जुटाकर छापेमारी की और तीन आरोपियों को एक स्कीमर, मैग्नेटिक स्ट्रीप युक्त ९ खाली कार्ड, ७ एटीएम डेबिट कार्ड, ३ मोबाइल फोन और २७ हजार रुपए बरामद किए। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि बीते ६ महीनों में उन लोगों ने स्कीमर की मदद से कई लोगों का डाटा चुराया था।

दूसरे जिलों में जाकर निकालते थे पैसा
बताया जा रहा है कि आरोपी स्कीमर में दर्ज ग्राहकों के कार्ड की डिटेल लैपटॉप व कार्ड राइटर की मदद से खाली कार्ड में चढ़ा देते थे। बाद में अपने लोगों को दूसरे जिलों में भेजकर पैसे निकालते थे। आरोपियों के खिलाफ ओशिवरा व खेरवाड़ी पुलिस थाने में भी इसी तरह से ठगी का मामला दर्ज है।