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मुंबई: मराठी नामफलक को लेकर सख्त हुई बीएमसी, नियम पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई अभियान शुरू

मुंबई: मुंबई में दुकानों पर पर मराठी ‘नामफलक’ यानी दुकान के बाहर लगे बोर्ड पर दुकान का नाम मराठी में होना अनिवार्य किया गया है। मुंबई मनपा के दुकान और स्थापना विभाग के अनुसार, नियम का अभी भी पालन नहीं करने वालों के खिलाफ दशहरे के बाद यानि गुरूवार से कठोर दंडात्मक कार्यवाई शुरू कर दी गई है।
मुंबई में करीब 5 लाख दुकानें और आस्थापन हैं जिनमें से 50 फीसदी के मालिकों ने ही इस नियम का पालन करना मुनासिब समझा है। यानि करीब ढाई लाख कारोबारी अभी भी ऐसे हैं जो इस नियम को नजरंदाज कर रहे हैं। बृहन्मुम्बई महानगरपालिका (BMC) ने ऐसे व्यावसायिकों के विरुद्ध कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है।
गौरतलब है कि सरकार के नए नियम के अनुसार, दुकानों-आस्थापनों के नामफलक मराठी भाषा में होना अनिवार्य कर दिया गया है। इस नए नियम के चलते उन दुकानों और आस्थापनों को अपने नामफलक बदलकर नये नामफलक लगाने की जरूरत थी जिनके नामफलक मराठी भाषा में नहीं थे। मनपा ने नियम के पालन के लिए पहले 30 जून तक की मोहलत दी थी ताकि कारोबारी समुदाय अपनी व्यवस्था कर सके, लेकिन बाद में कारोबारी संगठनों की गुजारिश पर सरकार ने यह मोहलत 30 सितंबर तक बढा दी थी।
पिछले दिनों हुए एक सर्वे में पता चला कि करीब 50 फीसदी दुकानों और आस्थापनों ने मोहलत की मियाद खत्म होने के करीब होने के बावजूद अपने नामफलक नये नियम के मुताबिक नहीं बदले हैं। नियम की उपेक्षा करने वाले ऐसे दुकानों और आस्थापनों की तादाद करीब ढाई लाख के करीब है। ऐसे में अब मनपा ने नियम का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय किया है। इसके लिये मनपा के दुकान और स्थापना विभाग के 75 अधिकारियों, कर्मचारियों की एक टीम तैयार की गई है। यह कार्रवाई मनपा के सभी 24 विभागों में की जायेगी और जिन दुकानों पर मराठी नामफलक नहीं होगा, उनसे जुर्माना वसूला जायेगा। जुर्माना अदा नहीं करने की सूरत में बीएमसी एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की जायेगी।