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मृतक की पत्नी बोली- काश आखिरी बार उनका चेहरा दिख गया होता…

मुंबई में घरवालों को बिना बताए कोरोना संक्रमित शख्स के शव का दाह संस्कार, प्रशासन पर उठे सवाल?

मुंबई: कोरोना वायरस से जूझ रही मुंबई में बिना परिवार को बताए एक कोरोना संक्रमित शख्स की डेडबॉजी के अंतिम संस्कार करने पर विवाद खड़ा हो गया है. आरोप है कि मध्य मुंबई के वडाला इलाके के एक परिवार को उसके घर के सदस्य की मौत के बाद अंतिम संस्कार तक में शिरकत करने का मौका नहीं मिला. मृतक की पत्नी और मां का रो-रोकर बुरा हाल है क्योंकि प्रशासन ने बिना बताए उनके घर के सदस्य का दाह संस्कार कर डाला.
मृतक की पत्नी ने बताया कि उन्हें प्रशासन की तरफ से कहा गया था कि हॉस्पिटल में मेरे पति की हालत अच्छी है. उन्हें ऑक्सीजन लगाया गया है. जब मां पुलिस स्टेशन गई तो को पता चला कि 17 मई को उनकी मौत हो चुकी है. बस एक ही शिकायत है काश उनका चेहरा एक आखिरी बार दिखा दिया गया होता.
दरअसल मृतक के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पूरा परिवार क्वारंटाइन में भेज दिया गया था. 21 मई को क्वारंटाइन से निकलने के बाद मृतक के परिवार के लोग बीएमसी के दफ्तरों और हॉस्पिटल के चक्कर काटते रहे. जोगेश्वरी के ट्रामा हासपिटल में मृतक का इलाज चल रहा था. राकेश के दोस्त ने कहा कि अस्पताल में गए तो नर्स ने बताया कि रजिस्टर में लावारिस लिखा था, जो कुछ पूछना है वडाला पुलिस स्टेशन में जाकर पूछिए!
फिलहाल अब मामला गरम होता देख पुलिस इस घटना की जांच करने में जुट गई है. वडाला पुलिस ठाणे के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शहाजी शिंदे का कहना है कि मृतक के घरवालों ने शिकायत की है. हम उसकी जांच कर रहे हैं.