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मोदी सरकार में मंत्री नारायण राणे के बेटे ने राजनीति को कहा अलविदा; बताई यह बड़ी वजह?

मुंबई: दशहरा पर्व के दिन महाराष्ट्र से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नीलेश राणे ने राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी है। मंगलवार को उन्होंने कहा है कि वो अब एक्टिव पॉलिटिक्स से हट रहे हैं, क्योंकि इसमें उनका मन नहीं लग रहा है।

मोदी सरकार में केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे के बेटे और कंकावली से विधायक नितेश राणे के भाई 42 वर्षीय निलेश राणे तटीय कोंकण के सिंधुदुर्ग से आते हैं। उन्होंने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में टि्वटर) पोस्ट में कहा कि मैं स्थायी रूप से सक्रिय राजनीति से अलग हो रहा हूं, अब मुझे राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। मुझे अब चुनाव लड़ने आदि में कोई दिलचस्पी नहीं है।

समर्थकों के लिए भावुक पोस्ट
बीजेपी नेता ने अपने सभी समर्थकों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने लगभग दो दशकों में उन्हें इतना प्यार दिया और उनके साथ बने रहे। निलेश ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें बीजेपी जैसे महान संगठन में इतना स्नेह और काम करने का अवसर मिला। उन्होंने स्वीकार किया कि मैं एक छोटा आदमी हूं, लेकिन मैंने राजनीति में बहुत कुछ सीखा है और कुछ सहयोगी हमेशा के लिए एक परिवार बन गए हैं, मैं जीवन में हमेशा उनका ऋणी रहूंगा।

2014 मे हार गए थे चुनाव
निलेश ने कहा कि आलोचक..आलोचना करेंगे, लेकिन वह अपना या दूसरों का समय बर्बाद नहीं करेंगे, जहां यह उनके दिल को पसंद नहीं आएगा। और बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि अनजाने में कुछ लोगों को ठेस पहुंचाने के लिए मैं माफी मांगता हूं।

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम नारायण राणे के बड़े बेटे निलेश राणे ने 2009 में कांग्रेस के टिकट पर रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी, लेकिन 2014 में अपने दूसरे प्रयास में वह शिवसेना (यूबीटी) के विनायक राउत से हार गए।