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लॉकडाउन: परिवार की देखभाल करने में असमर्थ होटलकर्मी ने की आत्महत्या!

(सांकेतिक तस्वीर)

लखीमपुर खीरी: कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन में काम छिन जाने से आहत एक युवक ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। उसकी जेब से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने बड़े परिवार के पालन में परेशानी होने के साथ ही पैसा न होने की लाचारी जताई है।
मिली जानकारी के अनुसार, लखीमपुर खीरी के मैगलगंज शुक्रवार को एक युवक ने आत्महत्या कर ली। लॉकडाउन में काम छिन जाने के बाद पत्नी के अलावा पांच बच्चे व बूढ़ी बीमार मां के पोषण की जिम्मेदारी को इसकी वजह बताया। जेब में एक पैसा न होने होने की लाचारी से जूझ रहे एक व्यक्ति ने ट्रेन से कटकर अपनी जान गवां दी। मृतक की जेब से मिले सुसाइड नोट में उसने आर्थिक तंगी और बीमारी का जिक्र किया है।
मैगलगंज के नई बस्ती खखरा निवासी भानु प्रकाश गुप्ता शाहजहांपुर में होटल में कार्य करता था। कोरोना वायरस लॉकडाउन की बंदी में भानु प्रकाश अपने गांव नईबस्ती खखरा आया था। उसके पास जो भी पूंजी बची हुई थी उस पूंजी से अपने परिवार का भरण पोषण करता रहा। अंतत: घर में राशन पानी के अभाव के चलते भानु प्रकाश गुप्ता ने शाहजहांपुर से सीतापुर की तरफ जा रही श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन के नीचे आकर आत्महत्या कर ली। मृतक ने अपनी जेब में एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमें उसके लिखा है कि वहां कोटेदार से मिलने वाला राशन लेने के भी पैसे नहीं हैं। राशन मिल भी जाय लेकिन, दवा दूध और सब्जी के लिए तरसना पड़ता है। उसने सुसाइड नोट में अपनी बूढ़ी लाचार मां का भी जिक्र किया और कहा दवाई के अभाव में उसकी मां तिल-तिल मर रही है। मृतक अपने पीछे पत्नी के अलावा तीन लड़की एवं दो लड़के छोड़ गया है। जिनमें एक लड़की की शादी भी हो चुकी है।