दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्र

शरद पवार बोले- राजनीतिक बदलाव के लिए बेचैन है महाराष्ट्र, पीएम मोदी को लिखा पत्र

पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को पुण में कहा कि महाराष्ट्र के लोग ‘राजनीतिक बदलाव’ के लिए तरस रहे हैं और चाहते हैं कि सभी विपक्षी दल इसके लिए एक साथ आएं।
वरिष्ठ मराठा नेता शरद पवार ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में वह राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर रहे हैं और बहुत से लोगों से मिल रहे हैं। पवार ने पुणे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, जनता ने मुझे बताया कि वे राज्य में बदलाव की इच्छा रखते हैं, वे चाहते हैं कि विपक्षी दल एकजुट हों और इसे हासिल करें।

शरद पवार ने कसबा पेठ सीट विधानसभा उपचुनाव से कांग्रेस-महाविकास अघाड़ी (MVA) के विजेता रवींद्र धंगेकर से भी मुलाकात की। इस संदर्भ में, पवार ने दोहराया कि एमवीए सहयोगी कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (यूबीटी) राज्य में अगला चुनाव एक साथ लड़ेंगे।
पवार ने यह भी स्वीकार किया कि वह इस बात को लेकर ‘अनिश्चित’ थे कि धंगेकर भाजपा से कसबा पेठ सीट जीत पाएंगे। इस सीट पर पूर्व विधायक गिरीश बापट का काफी प्रभाव था, लेकिन लोगों ने क्षेत्र में एमवीए उम्मीदवार के प्रदर्शन पर ध्यान दिया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने पत्र में राष्ट्रीय विपक्षी दलों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को दूर करने का भी आग्रह किया। आठ विपक्षी दलों के नेताओं ने रविवार को गैर-भाजपा शासित राज्यों के खिलाफ ईडी (ED) और सीबीआई (SBI) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और नियमित प्रशासन में राज्यपालों के हस्तक्षेप पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था।
मोदी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में सराहनीय काम किया है, लेकिन उन्हें गिरफ्तार किया गया। पत्र में कहा गया है विपक्षी नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज करने या उनकी गिरफ्तारी का समय चुनावों के साथ ‘संयोग’ साबित हुआ कि वे राजनीति से प्रेरित हैं।
पवार के साथ, बहुचर्चित पत्र पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के हस्ताक्षर हैं। पत्र में सबसे ऊपर शरद पवार के हस्ताक्षर हैं।