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Uttarakhand Chamoli Accident Update: अब तक 17 लोगों की मौत!

देहरादून: उत्तराखंड के चमोली बाजार के पास अलकनंदा नदी के किनारे नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर बुधवार को अचानक करंट फैल गया। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 17 लोगों की मौत हो गई है! 11 लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं।
मंगलवार की रात प्लांट ऑपरेटर की मौत के बाद परिजन, ग्रामीण और पुलिसकर्मी बुधवार सुबह जब पंचनामा की कार्रवाई कर रहे थे, इसी दौरान प्लांट जाने वाले रास्ते की लोहे की रेलिंग में अचानक करंट दौड़ गया, जिससे यह दर्दनाक हादसा हो गया। मरने वालों में ग्रामप्रधान, पीपलकोटी चौकी के प्रभारी और तीन होमगार्ड जवान भी शामिल हैं।

अचानक फैला करंट, कई लोग अलकनंदा में कूद गए
चमोली से एम्स ऋषिकेश एयर लिफ्ट कर लाए गए छह लोगों के साथ पहुंचे परिजनों ने नमामि गंगे के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन करने वाली आउटसोर्स एजेंसी और यूपीसीएल को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है। चमोली जिले के सेम डूंगरा गांव से आए दीपक फर्स्वाण बताते हैं कि मंगलवार रात को हरमनी गांव के युवक की प्लांट परिसर में मौत हो गई थी। सूचना मिली तो ग्रामीण सुबह प्लांट गए। मृतक के परिजनों को एक करोड़ मुआवजा और उसके भाई को सरकारी नौकरी देने के लिए प्रदर्शन करने लगे। विरोध देख स्थानीय प्रशासन और पुलिस के जवान भी मौके पर पहुंचे थे। इसी बीच प्लांट की अचानक बिजली ऑन हो गई और शॉर्ट सर्किट हो गया। कई लोग करंट की चपेट में आ गए। जैसे-तैसे धक्का मारकर वहां पर दरवाजा खुलवाया। इस दौरान कुछ लोग भागते हुए जान बचाने के लिए अलकनंदा नदी में भी कूद गए। आरोप लगाया कि कार्यदायी संस्था ने वहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए थे।

जानें- कैसा हुआ इतना बड़ा हादसा?
चमोली शहर में अलकनंदा नदी किनारे नमामि गंगे परियोजना के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बना हुआ है। इसमें तैनात ऑपरेटर गणेश निवासी हरमनी गांव की बीती रात मौत हो गई थी। मौत की शुरुआती वजह करंट लगना बताया जा रहा था। बुधवार सुबह सूचना पर मृतक के परिजन, ग्रामीण व जनप्रतिनिधि प्लांट पहुंचे। पीपलकोटी चौकी इंचार्ज एसआई प्रदीप रावत तीन होमगार्ड के साथ मृतक का पंचनामा भरने आए। इस दौरान प्लांट में बिजली नहीं आ रही थी। घायलों के मुताबिक, सुबह करीब 11 बजे अचानक प्लांट में तेज धमाके की आवाज हुई और प्लांट जाने वाले रास्ते की लोहे की रेलिंग में अचानक करंट दौड़ गया। इस वक्त यह सकरा पुल भीड़ से भरा हुआ था।
करंट दौड़ते ही पुल पर जमा लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरकर अचेत होने लगे। हर तरफ हाहाकार मच गया। इनमें से 15 की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि करीब 11 लोग बुरी तरह झुलस गए। घटना की सूचना मिलते ही चमोली से लेकर राजधानी देहरादून तक हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को जिला चिकित्सालय भेजा गया। जहां से छह घायलों को हायर सेंटर एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया। घायलों को एयर एंबुलेंस से एम्स लाया गया। उधर, मुख्यमंत्री धामी हेलिकॉप्टर से घटनास्थल के लिए रवाना हुए, लेकिन चमोली में खराब मौसम के कारण उनका हेलीकॉप्टर लैंड नहीं हो पाया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने एम्स पहुंचकर घायलों का हाल जाना।

हादसे के कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ
प्लांट संचालक कांफिडेंट इंजीनियरिंग के प्रबंधक भाष्कर ने बताया कि प्लांट में 415 वोल्ट बिजली सप्लाई होती है। बुधवार को सुबह अचानक 11,000 वोल्ट बिजली आने की वजह से हादसा हुआ है। जबकि यूपीसीएल प्रबंध निदेशक अनिल कुमार का कहना है कि तकनीकी तौर पर 11 केवी की लाइन से ट्रांसफार्मर की मदद से 440 वोल्ट बिजली सप्लाई की जा रही थी। 11 हजार का करंट आगे जाता तो सबसे पहले ट्रांसफार्मर, केबिल और फिर मीटर फट जाता। यूपीसीएल ने प्राथमिक जांच में मीटर तक आपूर्ति के उपकरण दुरुस्त पाए हैं। उनका यह भी कहना है कि प्लांट के भीतर किसी व्यक्ति की मौत की खबर बिजली विभाग को नहीं थी। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में हुए हादसे के पीछे क्या कारण है, यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

कितने बजे क्या हुआ यह हादसा?
बुधवार को पूर्वाह्न 11.15 बजे ऊर्जा निगम ने 11 हजार केवी की लाइन पर जंफर जोड़े।
11.25 बजे प्लांट में बिजली सप्लाई सुचारु हुई, जिसके बाद हादसा हुआ।
11. 29 बजे- बिजली सप्लाई बंद हुई।