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उद्धव सरकार से क्यों नाराज हुई गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी? जानें- क्या है मांग…

मुंबई: महाराष्ट्र में सत्‍तासीन महाविकास अघाड़ी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है। महागठबंधन में साझेदार समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अबू आज़मी ने राज्य सरकार से विधानसभा सत्र में सीएए-एनआरसी (CAA-NRC) के खिलाफ प्रस्ताव लाने के साथ ही 5% मुस्लिम आरक्षण पर कानून पारित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी जाएगी तो वह राज्य सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे।
गौरतलब है कि हिंदुवादी राजनीति के लिए पहचाने जाने वाली शिवसेना के मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे से समाजवादी पार्टी ने मुस्लिमों के लिए 5 फीसदी आरक्षण के साथ सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव लाने की भी मांग की है। उनका कहना है कि अगर ऐसा न हुआ तो हम सरकार के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन करेंगे।
आजमी का कहना है कि हाइकोर्ट ने शिक्षा के क्षेत्र में मुस्लिमों के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग की है। राज्‍य में भारतीय जनता पार्टी के शासन काल के समय भी हमने मुस्लिम आरक्षण की मांग की थी। महाविकास अघाड़ी सरकार लगता है इसे भूल चुकी है। सपा के वरिष्ठ नेता अबू आजमी ने कहा कि, मैं कांग्रेस और एनसीपी से सवाल करता हूं कि जब विपक्ष में थे तो इसके खिलाफ खूब बोलते थे लेकिन अब क्‍या हुआ इस विषय में कोई कदम क्‍यों नहीं उठाया जा रहा।

आजमी ने कहा, हम राज्‍य के मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे और डिप्टी सीएम अजीत पवार से मांग करते हैं कि इस सत्र में सीएए, एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव लाया जाये और 5 प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण की घोषणा की जाये। नहीं तो हम सड़कों पर इसके लिए प्रदर्शन करेंगे। बता दें कि अब तक 13 राज्‍यों में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रस्‍ताव पास किया जा चुका है।

क्या है मामला?
दरअसल, मुसलिमों को आरक्षण देने की मांग को लेकर समाजवादी पार्टी ने इस बार ठाकरे सरकार के प्रति नाराजगी का इजहार किया है। हालांकि, उसकी नाराजगी से फिलहाल राज्य सरकार को कोई खतरा नहीं है। समाजवादी पार्टी ने मुसलिमों को आरक्षण देने की मांग को लेकर ठाकरे सरकार को घेरा है।
महाराष्ट्र विधान मंडल के बजट सत्र का सोमवार को पहला दिन था। विधान भवन में कार्रवाई शुरू होने के साथ ही समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी और रईस शेख मुसलमानों को 5 फीसदी आरक्षण देने की मांग करते हुए बैनर प्रदर्शित करने लगे। आजमी का कहना था कि, सत्ता में आने से पहले कांग्रेस और एनसीपी मुसलिम आरक्षण के पक्ष में बयान देतीं थीं लेकिन अब वो भूल गई है।CAA-NRC के बारे में भी अब दोनो पार्टियां बात नहीं करतीं। ये दोनो पार्टियां कहतीं कुछ हैं और करतीं कुछ हैं। इन पार्टियों को उनकी पुरानी बातें याद दिलाने के लिये समाजवादी पार्टी की ओर से विधान भवन में ये आंदोलन किया गया है।
आजमी ने आगे कहा कि, धर्मनिर्पेक्षता के मुद्दे पर उनकी पार्टी ने सरकार को समर्थन दिया था। पार्टी के वरिष्ठों के कहने पर समर्थन वापस भी लिया जा सकता है। हालांकि आजमी ने सरकार से समर्थन वापस लेने की सीधे धमकी तो दे दी है, परन्तु समाजवादी पार्टी के 2 विधायक वाकई में ठाकरे सरकार से अपना समर्थन खींच लेते हैं तब भी सरकार को कोई खतरा नहीं है।

महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें
महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं और बहुमत का आंकडा 145 सीटों का है। शिवसेना के पास 56 सीटें है, एनसीपी के पास 54 सीटें हैं और कांग्रेस के पास 44 सीटें हैं। तीनों पार्टियों की कुल सीटों की संख्या होती है 154 यानी कि सरकार के पास बहुमत से 9 सीटें ज्यादा हैं। इसके अलावा कई निर्दलियों और छोटी पार्टियों ने भी सरकार को समर्थन दे रखा है। ऐसे में समाजवादी पार्टी के गठबंधन में रहने या न रहने से उद्धव सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।