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शरद पवार के घर के बाहर हमले मामले में एडवोकेट गुणरत्न सदावर्ते को दो दिनों की पुलिस कस्टडी, 109 आरोपियों को न्यायिक हिरासत

मुंबई: पूर्व केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार के मुंबई स्थित आवास ‘सिल्वर ओक’ के बाहर महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के कर्मचारियों ने शुक्रवार को घेराव किया था.
इस मामले में कल मुंबई पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 109 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था. इनके अलावा कर्मचारियों के वकील गुणरत्न सदावर्ते को भी शनिवार को गिरफ्तार कर मुंबई किला कोर्ट में पेश किया गया.
मुंबई पुलिस ने कोर्ट से 14 दिनों की कस्टडी मांगी थी. गुणरत्न सदावर्ते पर हिंसा की साजिश रचने, आंदोलनकारियों को भड़काने और सरकारी कामों में रुकावटें पैदा करने का आरोप लगाया गया. मुंबई किला कोर्ट ने सरकारी पक्ष, कर्मचारियों के पक्ष और गुणरत्न सदावर्ते के वकील की दलील सुनकर गुणरत्न सदावर्ते को दो दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. इसके अलावा 109 आंदोलनकारी कर्मचारियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. आरोपी आंदोलनकारियों को इस बीच जमानत की अर्जी किला कोर्ट ने ठुकरा दी है. वे मुंबई सत्र न्यायालय में जमानत की अर्जी दायर कर सकते हैं.

कोर्ट के फैसले के बाद वकील सदावर्ते ने पुलिस कस्टडी में जाते वक्त एक ही वाक्य कहा कि दो दिनों में ‘दूध का दूध-पानी का पानी’ साबित होगा. सदावर्ते और कर्मचारियों के वकील वासवानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, आज एडवोकेट गुणरत्न सदावर्ते को अदालत में पेश किया गया. हमने अदालत को बताया कि वे किसी और केस के सिलसिले में कोर्ट में बहस कर रहे थे. वे हिंसा के खिलाफ हैं. वे घटना के वक्त प्रदर्शनकारियों के साथ मौजूद नहीं थे. उन्होंने पहले कुछ घोटाले के मामले में नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. कुछ ऐसे मामले में वे मुकदमे लड़ते रहे हैं जिस वजह से सरकार असहज है.
आगे गुणरत्न सदावर्ते के वकील वासवानी ने कहा, पुलिस ने भी यह नहीं कहा है कि उनके भागने या फरार होने का कोई शक है. पुलिस ने उन पर आंदोलनकारियों को भड़काने की साजिश रचने का आरोप लगाया है. ऐसे में उनका पुलिस अधिकारी ने चश्मा ले लिया जबकि उनकी आंखों में परेशानी है. साथ ही उन्हें डायबिटीज भी है. पुलिस ने 109 लोगों की भी पुलिस कस्टडी मांगी थी. इस पर मजिस्ट्रेट ने सवाल किया कि आप दो दिनों में 109 लोगों को कितनी पूछताछ और कैसे पूछताछ कर पाएंगे? ऐसे में अदालत ने गुणरत्न सदावर्ते को दो दिनों की पुलिस कस्टडी और बाकी 109 आरोपियों को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया. वे चाहें तो आज ही दूसरे कोर्ट में जाकर जमानत की अर्जी दायर कर सकते हैं.

पुलिस मशीनरी का गलत इस्तेमाल हुआ: जयश्री पाटील
फैेसले के बाद गुणरत्न सदावर्ते की पत्नी एडवोकेट जयश्री पाटील ने कहा कि सरकार की ओर से पुलिस मशीनरी का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. सदावर्ते परिवार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है, इसका उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. जयश्री पाटील ने कहा, मैंने शरद पवार, सुप्रिया सुले, दिलीप वलसे पाटील ने जो जमीन कब्जाई है, उसे उजागर किया है और 600 करोड़ के घोटाले की शिकायत दर्ज करवाई है. जिस तरह मैंने अनिल देशमुख के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाकर उन्हें जेल भेजवाया उसी तरह इनका भ्रष्टाचार बाहर लाऊंगी. इसीलिए उनके खिलाफ पुलिस लगाई गई है. कोई हिंसा नहीं हुई. व्यथित लोग, पीड़ित लोग क्या हिंसा करेंगे? एक भी वीडियो मौजूद नहीं है, जो यह साबित कर सके कि हिंसा हुई.
जयश्री पाटील ने कहा कि उनके पति और परिवार को शरद पवार, सुप्रिया सुले से जान को खतरा है. उन्होंने यह भी कहा कि कल कर्मचारियों ने उनके घर का घेराव किया तो सुप्रिया सुले ने कहा कि वे शांति से उनकी कर्मचारियों की बातें सुनने को तैयार हैं. पिछले पांच महीनों से क्यों नहीं सुन रही थीं?

क्या है पूरा मामला?
मुंबई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों की राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर पिछले पांच महीने से चले आ रहे हड़ताल पर अपना फैसला सुनाया था. कोर्ट ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को 22 अप्रैल तक सेवा में वापस लौटने का निर्देश दिया था. विलय की मांग पर विचार करने के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट दी थी कि निगम के कर्मचारियों का राज्य सरकार के कर्मचारियों के साथ विलय संभव नहीं है. सरकार ने समिति की रिपोर्ट मानते हुए विलय करने से मना कर दिया था. हाई कोर्ट ने कर्मचारियों को काम पर लौटने को कहा. बदले में सरकार को निर्देश दिया कि 22 अप्रैल तक काम पर लौटने पर कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं करे.
इसके बाद भी 100 कर्मचारियों का जत्था शुक्रवार की दोपहर 3 बजकर 20 मिनट पर शरद पवार के मुंबई स्थित आवास के बाहर पहुंच गए और पत्थरबाजी और जूते-चप्पल फेंकने लगे. इस मामले में मुंबई पुलिस ने 109 प्रदर्शनकारियों के साथ उनके वकील गुणरत्न सदावर्ते को अरेस्ट किया. आज इन्हें मुंबई किला कोर्ट में पेश किया गया. किला कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद सदावर्ते को दो दिनों की पुलिस कस्टडी और हड़तालकर्मी कर्मचारियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.