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CM योगी की सौगात- फिर चीनी का कटोरा बनेगा पूर्वांचल, सल्फरलेस शुगर पैदा करेंगी मुंडेरवा और पिपराइच की मिलें

गोरखपुर: योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद गन्ना किसानों को मुंडेरवा और पिपराइच चीनी मिल की सौगात दी। नए पेराई सत्र में इन दोनों मिलों से सल्फरलेस चीनी का उत्पादन शुरू हो रहा है। पूर्वांचल के गन्ना किसानों के लिए इसे बड़ी सौगात के रूप में देखा जा रहा है। मुनाफे के साथ ही एक बार फिर पूर्वांचल चीनी का कटोरा बनकर उभरेगा।

मुंडेरवा-पिपराइच में CM ने किया सल्फरलेस प्लांट का लोकार्पण
इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल के दो जिलों को सल्फरलेस शुगर प्लांट की सौगात दी है। सीएम योगी पहले बस्ती के मुंडेरवा स्थित चीनी मिल पहुंचे। यहां उन्होंने सल्फरलेस प्लांट का लोकार्पण किया। इसके बाद सीएम योगी ने गोरखपुर की पिपराइच चीनी मिल में सल्फरलेस प्लांट का आगाज किया। बताते चलें कि सल्फरलेस चीनी के प्रोडक्शन के लिए दोनों मिलों में अत्याधुनिक टरबाइन लगाई गई है। अत्याधुनिक प्लांट लगाने में 25-25 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस दौरान प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा भी मौजूद रहे।

20 साल से बंद मिल शुरू कर सीएम योगी ने दी थी सौगात
1998 से बंद मुंडेरवा चीनी मिल को दोबारा सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुरू कराया। इस चीनी मिल का शिलान्यास 2018 में और लोकार्पण 2019 में किया गया। इसके बाद 50 हजार क्विंटल की क्षमता वाली इस चीनी मिल से पिछले साल 44.18 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई हुई। इससे 4.02 हजार क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया। इसके अलावा मुंडेरवा चीनी मिल ने बिजली उत्पादन से भी 16.35 करोड़ रुपये की कमाई की। नवंबर 2019 में नवनिर्मित पिपराइच चीनी मिल के पहले पेराई सत्र में मिल ने गन्ना पेराई और बिजली उत्पादन से बड़ा मुनाफा कमाया।

सल्फरलेस चीनी के उत्पादन से होगा मुनाफा
सल्फरलेस चीनी के उत्पादन से किसानों को भी बड़ा फायदा होगा। बताते चलें कि सल्फरलेस चीनी सामान्य चीनी के मुकाबले डेढ़ से दो रुपये ज्यादा मूल्य पर बिकेगी। प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा कहते हैं कि सल्फरलेस चीनी के उत्पादन से गन्ना किसानों को लाभ तो मिलेगा ही, इसके साथ ही 10 हजार युवाओं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा।

एक बार फिर चीनी का कटोरा बनेगा पूर्वांचल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से शुरू की गई मुंडेरवा और पिपराइच चीनी मिल में गन्ना पेराई के साथ ही अब सल्फरलेस चीनी का प्रोडक्शन होगा। सब कुछ ठीक रहा तो वह दिन दूर नहीं जब पूर्वांचल एक बार फिर चीनी का कटोरा बनकर उभरेगा। सल्फरलेस चीनी के उत्पादन से पूर्वांचल की चीनी की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी बढ़ जाएगी।

सल्फर लेस चीनी के फायदे
बाजार में तीन तरह की चीनी बिकती है। सफेद, ब्राउन और सल्फरलेस। सामान्य तौर पर चीनी ब्राउन कलर की बनती है। इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम और आयरन भी होता है। उसे सफेद और महीन बनाने के लिए सल्फर मिला दिया जाता है। इससे अन्य तत्वों की मात्रा कम हो जाती है। इसका स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। सल्फर युक्त चीनी में कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है। इससे सांस की दिक्कत भी हो सकती है। बिना सल्फर मिलाए ही चीनी को रिफाइंड करके जो चीनी तैयार होती है, वह स्वास्थ्य के लिए बेहतर होती है। फिलहाल कुछ प्राइवेट चीनी मिलें ही सल्फरलेस चीनी बनाती हैं और महंगे दामों पर बेचती हैं। अब सरकारी मिलों में सल्फर लेस चीनी का प्रोडक्शन होने से गन्ना किसानों के साथ-साथ आम लोगों को भी फायदा मिलेगा।