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मुंबई: मनसुख हिरेन की हत्या के वक्त मौके पर मौजूद था सचिन वाझे, जानें- मौत वाले दिन क्या-क्या हुआ?

मुंबई: कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या को लेकर प्रतिदिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं. अब पता चला है कि जब मनसुख हिरेन को मारा गया, तब सचिन वाझे उसी जगह पर मौजूद था. इसके बाद वह मुंबई वापस आया और रात में करीब 11:48 बजे डोंगरी इलाके में टिप्सी बार में रेड का नाटक रचा. इस बात का खुलासा महाराष्ट्र ATS के दस्तावेज और सबूतों से हुआ है, जो राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपे गए हैं. बता दें कि 5 मार्च को मनसुख हिरेन का शव ठाणे में कलवा क्रीक में मिला था. सूत्रों के मुताबिक, पड़ताल के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है कि मनसुख हिरेन को क्लोरोफॉर्म सुंघाकर बेहोश किया गया और फिर आराम से उसकी सांस को रोककर उसकी हत्या कर दी गई. इसलिए आरोपियों ने मनसुख के चेहरे पर रुमाल बांधकर पानी में फेंका था. हालांकि, चेहरे पर बंधे रुमालों को देखकर ही यह अंदेशा लगाया जा रहा था कि मनसुख की हत्या हुई है और उन्होंने सुसाइड नहीं किया है.

जांच भटकाने के लिए किया रेड का नाटक
सचिन वाझे ने डोंगरी इलाके में टिप्सी बार में रेड का नाटक किया, ताकि अगर मनसुख हिरेन की हत्या मामले की कोई जांच भी हो तो वो जांच की दिशा को ये कहकर भटका सके कि वो तो उस रात मुंबई के डोंगरी इलाके में ही था. टिप्सी बार के CCTV फुटेज से भी इस बात का खुलासा हुआ है कि रेड के समय सचिन वाझे मौजूद था.

मोबाइल लोकेशन से हुआ ये खुलासा
ठाणे के घोडबंदर से आने के बाद सचिन वाझे बड़ी चालाकी से पहले मुंबई पुलिस हेडक्वार्टर गया. इसके बाद CIU के अपने ऑफिस में गया और फिर अपने मोबाइल को चार्जिंग पर लगा दिया, ताकि उसका लोकेशन कमिश्नर ऑफिस ही दिखे. हालांकि सचिन वाझे ने ATS को अपना स्टेटमेंट देते हुए कहा था कि 4 मार्च को वो पूरे दिन मुंबई पुलिस हेडक्वार्टर के CIU ऑफिस में था, लेकिन मोबाइल की लोकेशन के मुताबिक, वो दोपहर में 12.48 मिनट पर चेंबूर के MMRDA कॉलोनी में था.

मनसुख हिरेन के फोन से हुआ ये बड़ा खुलासा
महाराष्ट्र एटीएस द्वारा NIA को सौंपे गए दस्तावेजों के अनुसार, रात में 8.32 मिनट पर मनसुख हिरेन को कांदिवली पुलिस स्टेशन से तावड़े साहेब नाम के शख्स का कॉल आता है, जो मिलने के लिए बुलाता है. इसके बाद मनसुख हिरेन ने अपनी कार और बाइक को छोड़कर ऑटो लिया और ठाणे के खोपट इलाके के विकास पाल्म्स अंबेडकर रोड से होते हुए गए.
मनसुख की पत्नी विमला ने उन्हें रात 11 बजे कॉल किया तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ़ आ रहा था. मनसुख के मोबाइल में दो सिम कार्ड थे और दोनों नंबरों के CDR के मुताबिक, एक नंबर पर रात में 8.32 मिनट पर कॉल आया, जबकि दूसरे नंबर पर रात में 10.10 मिनट पर चार मैसेज आए थे. ATS के सूत्रों के मुताबिक ये चार मैसेज जब आए, तब मोबाइल की लोकेशन वसई के मालजीपाडा दिखा रहा था. NIA को दिए गए दस्तावेजो के मुताबिक, रात के 9 बजे मनसुख हिरेन को अगवा कर लिया गया था. इसके बाद उसके मोबाइल को स्विच ऑफ कर दिया गया.

वाझे ने मनसुख को गिरफ्तार होने के लिए कहा था
मनसुख हिरेन की पत्नी ने ATS को दिए अपने बयान में बताया था कि सचिन वाझे ने मनसुख हिरेन को कहा था कि वो इस मामले में गिरफ्तार हो जाए, बाद में सचिन वाझे उसे 3 या 4 दिन बाद निकलवा देगा. जब मनसुख ने ये बात अपनी पत्नी को बताई तब वो नाराज हो गई थी. एटीएस के सूत्रों के मुताबिक, वाझे को ये बात पता थी. एटीएस को लगता है कि 4 मार्च को मनसुख को जो कॉल आया था, वो सचिन वाझे ने ही किया था. सचिन वाझे ने मनसुख से कहा कि वो अपनी पत्नी को कह दे की कांदिवली क्राइम ब्रांच से इंस्पेक्टर तावड़े का कॉल आया है और उनसे मिलने घोडबंदर रोड पर जाना है.

ऑडी कार से मुंबई लौटा था सचिन वाझे
ATS के सूत्रों के मुताबिक, जब मनसुख की हत्या की गई तो वाझे एक ऑडी कर में बैठकर यह सब देख रहा था. मनसुख को मारने के बाद जब सचिन वाझे मुंबई वापस लौटा तो वो ऑडी कार में लौटा. महाराष्ट्र एटीएस को रात 10 बजे एक ऑडी कार मुलुंड टोल नाके से मुंबई के अंदर आती दिख रही है. महाराष्ट्र ATS इसी ऑडी कार की तलाश में थी, जिसकी जांच अब NIA करेगी.

इस मामले में गिरफ्तार विनायक शिंदे ने बताया कि वो वाझे से बात करने के लिए फर्जी दस्तावेज पर खरीदे सिम कार्ड का इस्तेमाल करता था, जिसे उसने क्रिकेट बुकी नरेश गोर के माध्यम से गुजरात से मंगवाया था.
वाझे ने अपनी साजिश में मनसुख को शामिल किया था. इसके सबूत एटीएस और NIA को मिले हैं, लेकिन जब तक ATS सचिन वाझे से पूछताछ नहीं कर लेती तब तक वह इस बात की पुष्टि नहीं कर सकती. यह भी साफ नहीं है कि मनसुख डर या फिर अपनी मर्जी से वाझे के साथ मिला था। फिलहाल दोनों के बीच संपर्क के डिजिटल एविडेंस एटीएस को मिले हैं.